What Does emotional healing Mean?

वैज्ञानिकों की मानें तो बुरे सपने किसी भी अन्य सपने की तरह ही होते हैं। जो व्यक्ति के अस्तित्व को बनाए रखने के लिए बेहद जरूरी होते हैं। ये सपने उन सभी आशंकाओं को मन से दूर करने में मदद करते हैं जिन्हें व्यक्ति अपने दिल के भीतर किसी कोनें में दबाकर रखता है। इसके अलावा ऐसी बातें जिन पर व्यक्ति बात करने से भी बचता है। बावजूद इसके इस तरह के डरावने सपने तब चिंता का विषय बनने लगते हैं जब ये रोज-रोज आकर व्यक्ति के रोजमर्रा के जीवन को प्रभावित करने लगते हैं।

स्क्रीन से दूरी बनाए रखें: सोने से पहले मोबाइल, लैपटॉप या टीवी का इस्तेमाल कम से कम करें, क्योंकि इनसे नींद की गुणवत्ता पर असर पड़ सकता है।

ये सपने आते तो हैं लेकिन क्या आपने सोचा है कि इन बुरे सपनों का मतलब क्या होता है.

रात में बार-बार बुरे सपने क्यों आते हैं? जानें कारण और समाधान

डरावने सपने रात के दूसरे पहर यानी सुबह होने से कुछ घंटे पहले आते हैं. ये सपने बहुत वास्तविक लगते हैं और अक्सर किसी खतरे, पीछा करने, चोट लगने या अन्य डरावनी कंडीशंस से जुड़े होते हैं. ऐसे सपनों से नींद टूटने पर दिल की धड़कन तेज हो सकती है, पसीना आ सकता है और व्यक्ति तुरंत डर या बेचैनी महसूस करता है. खास बात यह है कि जागने के बाद भी सपना साफ तरीके से याद रहता है और उसके कारण दोबारा नींद नहीं आती है.

दिल की बीमारियां हमारे सपनों पर भी असर डाल सकती हैं। जब हमारी हृदय गति तेज हो या घबराहट महसूस हो, तो यह दिमाग पर असर डालता है और हम डरावने सपने देख सकते हैं। read more कई बार, ऐसे डरावने सपनों के बाद दिल की धड़कन और तेज हो जाती है, जिससे हार्ट अटैक का खतरा भी बढ़ सकता है। यह समस्या इसलिए हो सकती है क्योंकि हमारे शरीर में तनाव और घबराहट बढ़ जाती है, जिससे नींद भी प्रभावित होती है।

तनाव को कम करें: मानसिक शांति के लिए ध्यान, योग, या गहरी सांस लेने की प्रक्रिया अपनाएं। इससे न केवल आपकी नींद में सुधार होगा, बल्कि बुरे सपनों का खतरा भी कम होगा।

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अगर आपको लगता है कि आपका बढ़ता हुआ तनाव आपके सपनों के साथ भी खिलवाड़ कर रहा है तो इसे कंट्रोल करने की कोशिश करें। इसके लिए अपनी सुबह की शुरुआत कसरत या मॉर्निंग वॉक से करें, दिन के समय आराम करने के लिए छोटे-छोटे ब्रेक लें। 

डरावने सपने अक्सर नकारात्मक बातों से जुड़े हुए होते हैं। ये सपने अक्सर व्यक्ति के मन में चिंता, उदासी या भय पैदा करने वाले होते हैं। ऐसे सपने व्यस्कों से ज्यादा बच्चों को ज्यादा आते हैं। 

दवाओं के निर्देशों का पालन करें: दवा लेते समय डॉक्टर के बताए गए निर्देशों का ध्यान रखें। सही तरीके से दवाएं लेने से असर कम हो सकता है।

इसकी वजह से रात में उनकी नींद पूरी नहीं हो पाती है और उन्हें सोने से भी डर लगने लगता है. यह समस्या हद से ज्यादा होने पर भी लोग डॉक्टर के पास नहीं जाते हैं और इग्नोर कर देते हैं. हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो रोज रात में बुरे सपने आना सामान्य बात नहीं है. यह सेहत से जुड़ा संकेत हो सकता है.

मानसिक तनाव और डिप्रेशन – बुरे सपनों की बड़ी वजह

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